सिर्फ 6 महीनों में भारतीयों ने ₹1,500 करोड़ से अधिक की राशि फर्जी निवेश घोटालों में गंवा दी — (IC4 रिपोर्ट के अनुसार)।
30,000 से अधिक लोग फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स और झूठे मुनाफे के वादों का शिकार बने।
यह जानिए — कैसे ठग चलते हैं, कैसे बचें, और अगर आप शिकार बन जाएं तो क्या करें ⤵️
🔹 कैसे होता है यह घोटाला:
👉 साइबर अपराधी नकली निवेश वेबसाइट, ऐप या व्हाट्सएप ग्रुप बनाते हैं।
👉 “क्रिप्टो”, “स्टॉक”, या “गोल्ड” में गैर-यथार्थवादी और गारंटीड मुनाफे का लालच देते हैं।
👉 जैसे ही लोग निवेश करते हैं, वेबसाइट गायब हो जाती है या यूज़र को ब्लॉक कर देती है।
🔹 कैसे रखें खुद को सुरक्षित:
👉 सोशल मीडिया या मैसेजिंग ऐप पर आए अप्रमाणित निवेश लिंक पर भरोसा न करें।
👉 निवेश से पहले देखें कि कंपनी SEBI या RBI से पंजीकृत (registered) है या नहीं।
👉 हमेशा ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं, मैसेज में आए लिंक पर नहीं।
👉 किसी के साथ OTP, बैंक डिटेल्स या UPI PIN कभी साझा न करें।
👉 अपने बैंकिंग व पेमेंट ऐप्स में 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन ज़रूर सक्रिय करें।
🔹 अगर आप ठगी के शिकार हो जाएं:
👉 तुरंत रिपोर्ट करें — cybercrime.gov.in पर या 1930 (Cyber Helpline) नंबर पर कॉल करें।
👉 नज़दीकी साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं।
👉 अपने बैंक को तुरंत सूचित करें ताकि संदिग्ध ट्रांज़ैक्शन को रोका जा सके।
🔹 याद रखें:
अगर कोई ऑफर बहुत अच्छा लग रहा है, तो शायद वह झूठा है।
सतर्क रहें, जागरूक रहें, सुरक्षित रहें। 💻🛡️
No comments:
Post a Comment